मेरी बस एक तमन्ना थी जो हसरत बन गयी, कभी तुमसे दोस्ती थी अब मोहब्बत बन गयी
तू चाँद मैं सितारा होता,
आसमान में एक आशिया हमारा होता।
लोग तुझे दूर से देखा करते और
सिर्फ पास रहने का हक हमारा होता।
पूछते हैं मुझसे की शायरी लिखते हो क्यों,
लगता है जैसे आईना देखा नहीं कभी।
मेरी बस एक तमन्ना थी जो हसरत बन गयी,
कभी तुमसे दोस्ती थी अब मोहब्बत बन गयी,
कुछ इस तरह शामिल हुए तुम ज़िन्दगी में की,
सिर्फ तुझे ही सोचते रहना मेरी आदत बन गयी
बहुत वक़्त लगा हमें आप तक आने में,
बहुत फरियाद की खुदा से आपको पाने में,
कभी तुम यह दिल तोड़ कर मत जाना,
हमने उम्र लगा दी आप जैसा सनम पाने में।
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