लिख-लिख कर मिटा दिए तेरी बेवफाई के गीत, किया करती थी तू भी वफ़ा एक ज़माने में
हमने चाहा था जिसे उसे दिल से भुलाया न गया,
जख्म अपने दिल का लोगों से छुपाया न गया,
बेवफाई के बाद भी प्यार करता है दिल उनसे,
कि बेवफाई का इल्ज़ाम भी उस पर लगाया न गया।
तेरे जाने से कुछ नही बदला,
बस पहले जहां दिल होता था,
अब वहां दर्द होता है
लिख-लिख कर मिटा दिए
तेरी बेवफाई के गीत,
किया करती थी
तू भी वफ़ा एक ज़माने में।
मैंने कुछ इस तरह से खुद को संभाला है,
तुझे भुलाने को दुनिया का भरम पाला है,
अब किसी से मुहब्बत मैं कर नहीं पाता,
इसी सांचे में एक बेवफा ने मुझे ढाला है।
गर हमें तेरी बदनामियों का डर न होता,
न तू वेवफा कहती… न मैं वेवफा होता।आज कतरा के गुजरते हुए पाया है तझे,
बेवफाई का हुनर किसने सिखाया है तुझे।
हसीं चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैं,
इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैं,
महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश,
जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।
ज़रा सी बात पे ना छोड़ना किसी का दामन
उम्रें बीत जाती हैं दिल का रिश्ता बनाने में ….
मुझसे ‘नफरत’ तभी करना
जब आप मेरे बारे मे ‘सबकुछ’ जानते हो
तब नहीं जब किसी से ‘कुछ’ सुना हो ।
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