खुदा करे हमारी दोस्ती इतनी गहरी हो,के दोस्त तू बने और दोस्ती मेरी हो।
चाहत हुई किसी से तो फिर बेइन्तेहाँ हुई,चाहा तो चाहतों की हद से गुजर गए,
हमने खुदा से कुछ भी न माँगा मगर उसे,माँगा तो सिसकियों की भी हद से गुजर गये।
आंसू तेरे निकले तो आंखे मेरी हो,दिल तेरा धडके तो धडकन मेरी हो,
खुदा करे हमारी दोस्ती इतनी गहरी हो,के दोस्त तू बने और दोस्ती मेरी हो।
कुछ ख़ास जानना है तो प्यार कर के देखो,अपनी आँखों में किसी को उतार कर के देखो,
चोट उनको लगेगी आँसू तुम्हें आ जायेंगे,ये एहसास जानना है तो दिल हार कर के देखो।
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे,
बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत।
लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से,
एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये।
कोई रिश्ता जो न होता, तो वो खफा क्यों होता,ये बेरुखी, उसकी मोहब्बत का पता देती है,
मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो,खुद से बढ़ कर मुझे रहती है जरुरत उसकी।
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