मेंरी उम्मीद का सूरज कि तेरी आस का चाँद, दिए तमाम ही रुख़ पर हवा के रक्खे थे।
किसी को इतना न चाहो कि भुला न सको,
यहां मिजाज बदलते हैं मौसम की तरह।
सूरज वो जो दिन भर आसमान का साथ दे,
चाँद वो जो रात भर तारों का साथ दे।
प्यार वो जो ज़िंदगी भर साथ दे,
और दोस्ती वो जो पल पल साथ दे।
सुकून चेहरे पे हर ख़ुश अदा के रक्खे थे,
समुंदरों ने भी तेवर छुपा के रक्खे थे।
मिरी उम्मीद का सूरज कि तेरी आस का चाँद,
दिए तमाम ही रुख़ पर हवा के रक्खे थे।
जो लोग दर्द को समझते हैं,
वो लोग कभी भी दर्द की वजह नहीं बनते।
आप खुद नही जानती आप कितनी प्यारी हो,
जान तो हमारी पर जान से प्यारी हो।
दूरियों के होने से कोई फर्क नहीं पड़ता,
आप कल भी हमारी थी आज भी हमारी हो।
दोस्तों, यह पोस्ट आपको कैसा लगा कमेंट करके बताएं लाइक और फॉलो करना ना भूलें।
Comments are closed.